लेखनी प्रतियोगिता -10-Oct-2023
एक पिता मां अपने बेटी का कन्यादान कर उसे विदा करते है
मां पिता चाहते उनका दामाद राजकुमार सा हो
जो मेरी बेटी को पलकों में बिठा के रखे
न हो बेटी को गम न दुख न उदासी चेहरे में
हो पिटारा उसके पास खुशी का चेहरे में रंगत और खुशी की बहार हो
कन्यादान जो अपनी बेटी को अपना मां बाप इतना मानते है
बेहद जिगरा बड़ा कर उसे लड़की को एक घर से जोड़ देते है
बेटी की ये दुख ये जुदाई होती मायके से यही असली विदाई होती है।।
hema mohril
11-Oct-2023 03:02 PM
Amazing
Reply
Mohammed urooj khan
11-Oct-2023 12:54 AM
👌👌👌👌
Reply
Reena yadav
10-Oct-2023 11:12 PM
👍👍
Reply